तुम से शुरू तुम से खत्म हो यही मेरी कहानी है
तुम से शुरू हुआ मेरा बचपन तुम में डूबी मेरी जवानी है
तुम में ही फना हो जाये मेरी अंतिम अवस्था यही मेरी जुबानी है
तुमने मुझको गीत लिखाये जाने कितने भाव जगाये
मेरे गीतों में सिर्फ तेरी ही तेरी निशानी है |
तुम से ही मैंने जीना सीखा तुमसे ही प्रीत निभानी है
तुममे सब और कुछ भी नहीं ऐसी ही रीत निभानी है
तुमको खोकर पाया मैंने ,तुमको पा कर कभी खोया है
मन मेरा उस पल जी भरकर रोया है
तुम न होना ऐसे जुदा कभी में जीते जी मर जाऊंगा
तुम से ही प्राण तुम से ही जान ,में दीवानों सा हो जाऊंगा |
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