तेरा हूँ तुझ में रहूँगा तुझ में ही खो जाऊंगा
तेरा होने की चाहत में दीवाना सा हो जाऊंगा
हमको मिलना है मिलेंगे हम मिले बिना न रहेंगे हम
तुझ में खोना है खुद को पाना है इस चाहत में फना हो जाऊंगा
तुम लाख जतन कर लो मुझे तरसाने के
तुम्हे पाना है में पाऊंगा सांसों में बस जाऊंगा
तुम भी न रहोगे मेरे बिना कर लो मेरा तुम इतना यकीं
इतनी चाहत भर जाऊंगा ऐसा वक्त में दिखलाऊंगा
सदियों से तुम भी चाहते यही जो मैंने कहाँ
कल तक तुम ये कहते थे जो मैंने आज तुम से मैंने कहाँ
तुम न मिले कैसे सब सही अगले जन्म फिर आऊंगा
दुनियां में मुझसा अक्स नहीं जिसने अपना रूप न देखा कभी
आईने में एक दिन में अपना रूप दिखलाऊंगा
उस दिन दिल धडकेगा तुम्हारा में धड़कन बन जाऊंगा
में प्रेम का दीप जलाऊंगा तुझ में खो कर में तुझसा ही हो जाऊंगा|
bahut sundar prastuti.....shubhakamnaaye
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