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मेरा नाम कुल्वेंदर सिंह है| मैं सूफी मत मैं विश्वास करता हु और दुनिया से जुडी हर बात को जानने की जिज्ञासा हमेशा मुझमे रहती है मुझे पढने का काफी शौक है| मैं सभी विषयो की गहराइयों मैं जानने की हमेशा कोशिश करता रहता हु |

Nov 5, 2010

इंसान अक्स भगवान् रूप

तु कौन है, क्या है  किसको खबर, किसको पता
मैं कौन हूँ ,क्या हूँ  किसको खबर, किसको पता
तु चाहता है मिलना मुझसे
मैं चाहता हूँ मिलना तुझसे 
तु खोजता है मुझको,  मैं  खोजता हूँ तुझको 
दोनों ही पहेली बने है अक्सर 
तु प्यार है, तु जान है, तु दोस्त है, मेरा भगवान् है
मैं भी तेरी जान हूँ ,तेरे प्यार का अरमान हूँ मैं एक इंसान हूँ
मैं तुझको पाने निकला और खो गया
तु मुझको पाने निकला और खो गया
जब कहीं रुका जो मैं खुद से ही अनजान था
पाया कि मैने अपनी शक्शियत मैं भगवान् था
जब कहीं रुका जो तु  खुद से ही अनजान था
पाया कि तुने अपनी शक्शियत तु भगवान् था
दोनों ने खुद को खो दिया दोनों ने खुद को पा लिया
जाना जब खुद को मैंने और तुने की तड़पते है मिलने के लिये 
हम एक थे हम एक है हमारी एक ही पहचान है
तु रूप था मैं अक्स था फिर ढूंढता  रहा मैं क्यूँ 
मै अक्स था मै रूप था फिर  ढूंढता  रहा तु  क्यूँ
तुझको भी  मुझसे प्यार था मुझको भी तुझसे प्यार था
तु खो गया था मुझमें मैं खो गया था तुझमें 
सदियों से खोना पाना ये खेल रहा है हममे
ना तु इस खेल से अनजान था ना मैं इस खेल से अनजान था
इस खेल में हम खो गए इस खेल में हम मिल गए
पहले में इंसान था तु भगवान् था
अब तु  इंसान है में भगवान् हूँ 
शायद अब ये ही हमारी पहचान है
इस खेल को खेलेंगे हम सदियों तक 
क्यूँ की तु शायद भूल गया
तु रूप है, तु भगवान् है, में अक्स हूँ इंसान हूँ
दोनों एक है मगर ये हमारी पहचान है|
में आइनें में देखता हूँ पाता हूँ तुझको
तु आईने में देखता है, पाता है मुझको
इसके सिवाय खेल में कुछ आता नहीं है हमको
तु हारता है हमेशा में हारता हूँ हमेशा
जितने की  चाहत में ये खेल यूँ फिर चल जाता है
दोनों ही जानते है हम एक है
इस खेल में परम आनंद आता है हमको 
तु कौन है, क्या है  किसको खबर, किसको पता
मैं कौन हूँ ,क्या हूँ  किसको खबर, किसको पता
मैं चाहता हूँ मिलना तुझसे तु चाहता है मिलना मुझसे




    




7 comments:

  1. एकाकार हो गये...


    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल 'समीर'

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  2. bahut sunder rachna hai ...... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये...
    sparkindians.blogspot.com

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  3. .

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

    .

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  4. बहुत सुंदर व गहरी रचना| दीपावली के शुभअवसर पर ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है| शुभकामनाए|

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  5. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.जारी रखें।.....दिवाली की शुभकामनाएं।

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  6. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  7. नीलम राणाNovember 8, 2010 at 11:59 PM

    महान हो तुम
    आत्मा रूपी परमेश्वर से करीब हो तुम
    खोजा है तुम्हे परमेश्वर ने असीम प्यार पाने के लिए
    तुम में इश, इश में तुम| एक रूप में विलय हो तुम
    महान हो तुम और महान है तुम्हारी सोच|

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नमस्ते ,
मेरे ब्लॉग को पढने के लिए और मेरा हौसला बढाने के लिए धन्यवाद